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मीठा मीठा साहित्य”

जीत हार से परे है
काव्य की अनुपम छटा
नवांगतुक कविजन
लिखते बहुत ही अच्छा
लिखते बहुत ही अच्छा
चाहे जो भी जीते
जीत हार की काव्य में नहीं हैं रीतें
मुझे नेह है मिल रहा
है इनका सानिध्य
मीठा मीठा लिख कवि
मीठा मीठा साहित्य।।

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