इस भरी रात में आये निंदिया
मीत तू रागिनी सुना दे ना
ये जो दिनभर की आपाधापी थी
तू मधुर बोल से भुला दे ना।
जिन्दगी में सुबह से रात हुई
रात से फिर सुबह का चक्र चला
बीतते जा रहे पलों में तू
रागिनी प्यार की सुना दे ना।
इस भरी रात में आये निंदिया
मीत तू रागिनी सुना दे ना
ये जो दिनभर की आपाधापी थी
तू मधुर बोल से भुला दे ना।
जिन्दगी में सुबह से रात हुई
रात से फिर सुबह का चक्र चला
बीतते जा रहे पलों में तू
रागिनी प्यार की सुना दे ना।