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मुक्तक 1

मोहब्बत के सवालों से मैं अक्सर अब मुकर जाता ,

कहीं बातो ही बातों में मैं कुछ कहकर ठहर जाता.. 

कि तेरा नाम भूले से जबां तक आ गया ग़र तो,

तू बदनाम हो जाये न इससे मैं सिहर जाता …

    …atr
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