क्यों है तेरी बेरुखी क्यों तुम बदल गये हो?
बेबसी के कदमों से मुझको कुचल गये हो!
सूरतें उम्मीदों की अब आती नहीं नजर,
मजबूरी के साँचे में क्यों तुम ढल गये हो?
रचनाकार- मिथिलेश राय #महादेव’
क्यों है तेरी बेरुखी क्यों तुम बदल गये हो?
बेबसी के कदमों से मुझको कुचल गये हो!
सूरतें उम्मीदों की अब आती नहीं नजर,
मजबूरी के साँचे में क्यों तुम ढल गये हो?
रचनाकार- मिथिलेश राय #महादेव’