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मुक्तक

मेरा नसीब मुझसे क्यों रूठ गया है?
राहे-मंजिल से रिश्ता टूट गया है!
यादें सुलग रहीं हैं पलकों में लेकिन,
तेरा दामन हाथों से छूट गया है!

मुक्तककार – #महादेव’

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