मुक्तक 12 Abhishek Tripathi 9 years ago खत को मेरे संभाल के रखा जो होता मीर, हर हर्फ़ मेरे प्यार की दास्ताँ कहते . करे अब किस जगह रोशन गुलिश्ता ए जिगर को यार , यहाँ तो आशियाँ ही लुट गया है मीर तूफां में . …atr