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मुक्तक

तुझे चाहना मेरी इबाद़त जैसी है!
तुझे याद करना मेरी आदत जैसी है!
धड़कनों में चल रही है आरजू तेरी,
तेरे बगैर जिन्द़गी लानत जैसी है!

मुक्तककार #महादेव’

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