मेरी शाम जब तेरा इंतजार करती है!
धड़कनों में यादों को बेशुमार करती है!
खुली हुयी सी रहती हैं हसरतें पलकों की,
ख्वाहिशों को जिगर में बेकरार करती है!
मुक्तककार- #महादेव’
मेरी शाम जब तेरा इंतजार करती है!
धड़कनों में यादों को बेशुमार करती है!
खुली हुयी सी रहती हैं हसरतें पलकों की,
ख्वाहिशों को जिगर में बेकरार करती है!
मुक्तककार- #महादेव’