Site icon Saavan

मुक्तक

तेरी चाहत में तन्हा मेरी शाम है!
हरवक्त ख्यालों में दर्द का पैगाम है!
तेरी हसरतों से जिन्दा हूँ महादेव,
तेरी यादों में हाथों में फिर जाम है!

#महादेव_की_कविताऐं (23)

Exit mobile version