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मुक्तक

तेरे बगैर तन्हा क्या रखा है जीने में?
अश्कों की लहर को रफ्ता रफ्ता पीने में!
खोया हुआ रहता हूँ यादों में महादेव,
गुजर रही है जिन्दगी जख्मों को सीने में!

#महादेव_की_कविताऐं (25)

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