सोचता हूँ तेरा मैं इरादा छोड़ दूँ!
सोचता हूँ मंजिलों का वादा तोड़ दूँ!
कबतलक देखूँ अदाओं को महादेव?
हुस्न की निगाहों का इशारा मोड़ दूँ!
#महादेव_की_कविताऐं’
सोचता हूँ तेरा मैं इरादा छोड़ दूँ!
सोचता हूँ मंजिलों का वादा तोड़ दूँ!
कबतलक देखूँ अदाओं को महादेव?
हुस्न की निगाहों का इशारा मोड़ दूँ!
#महादेव_की_कविताऐं’