मुक्तक Mithilesh Rai 7 years ago सोचता हूँ तेरा मैं इरादा छोड़ दूँ! सोचता हूँ मंजिलों का वादा तोड़ दूँ! कबतलक देखूँ अदाओं को महादेव? हुस्न की निगाहों का इशारा मोड़ दूँ! #महादेव_की_कविताऐं’