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मुक्तक

तेरे बगैर मेरी तन्हा रात हुआ करती है!
दर्द और तन्हाई से बात हुआ करती है!
बेचैनी तड़पाती है चाहत की महादेव,
आँखों से अश्कों की बरसात हुआ करती है!

#महादेव_की_कविताऐं'(26)

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