मुक्तक Mithilesh Rai 7 years ago मेरे दर्द का आलम गुजर गया है! तेरी बेरुखी का जख्म भर गया है! कोई नहीं है मंजिल न राह कोई, चाहतों का हर मंजर बिखर गया है! #महादेव_की_कविताऐं'(21)