मुक्तक Mithilesh Rai 7 years ago रात जाती है फिर से क्यों रात आ जाती है? धीरे—धीरे दर्द की बारात आ जाती है! भूला हुआ सा रहता हूँ चाहतों को लेकिन, करवटों में यादों की हर बात आ जाती है! #महादेव_की_कविताऐं'(26)