मुक्तक Mithilesh Rai 7 years ago तेरा नाम लेकर तन्हाई मिल जाती है! तेरा दर्द बनकर रुसवाई मिल जाती है! शामों-सहर भटकता हूँ मैं तेरे लिए मगर, मेरी जिन्द़गी को जुदाई मिल जाती है! #महादेव_की_कविताऐं'(25)