Site icon Saavan

मुक्तक

तेरा नाम लेकर तन्हाई मिल जाती है!
तेरा दर्द बनकर रुसवाई मिल जाती है!
शामों-सहर भटकता हूँ मैं तेरे लिए मगर,
मेरी जिन्द़गी को जुदाई मिल जाती है!

#महादेव_की_कविताऐं'(25)

Exit mobile version