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मुक्तक

कभी न कभी हमारा ख्वाब बदल जाता है!
रूठे हुए पलों का जवाब बदल जाता है!
जज्बों की आजमाइशें होंगी कभी न कम,
दर्दे-जिन्दगी का आदाब बदल जाता है!

#महादेव_की_कविताऐं'(24)

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