Site icon Saavan

मुक्तक

बिखर गये हैं ख्वाब मगर यादें रह गयी हैं!
जिन्दगी में दर्द की फरियादें रह गयी हैं!
साँसें भी थक गयी हैं तेरे इंतजार में,
तेरी तमन्नाओं की मुरादें रह गयी हैं!

‘#महादेव_की_कविताऐं'(25)

Exit mobile version