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मुक्तक

मेरी बेखुदी को कोई नाम न देना!
मेरी तमन्नाओं को इल्जाम न देना!
बहके हुए इरादों को तड़पाना न कभी,
सुलगी हुई तन्हाई की शाम न देना!

मुक्तककार- #महादेव'(23)

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