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मुक्तक

कैसे कहूँ कि तेरा दीवाना नहीं हूँ मैं!
कैसे कहूँ कि तेरा परवाना नहीं हूँ मैं!
जब छलक रही है मदहोशी तेरे हुस्न से,
कैसे कहूँ कि आशिके-पैमाना नहीं हूँ मैं!

मुक्तककार- #महादेव’

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