मैं जिन्दगी को तन्हा बिताता रहता हूँ!
मैं दर्द को पलकों में छिपाता रहता हूँ!
चारों तरफ हैं आन्धियाँ हालात की मगर,
तेरी शमा चाहत की जलाता रहता हूँ!
मुक्तककार-#महादेव’
मैं जिन्दगी को तन्हा बिताता रहता हूँ!
मैं दर्द को पलकों में छिपाता रहता हूँ!
चारों तरफ हैं आन्धियाँ हालात की मगर,
तेरी शमा चाहत की जलाता रहता हूँ!
मुक्तककार-#महादेव’