मुक्तक 22 Abhishek Tripathi 9 years ago चुपके चुपके ही चाहा है, इज़हार किया न जीवन भर , एक डर में एक संशय में, मैं हाल ए दिल कैसे कह पाऊँ. जीवन के अंतिम क्षण में यदि बात जुबां तक आ जाये, बस उसी काल मैं तृप्त हुआ ,दुनिया को छोड़ चला जाऊं.. …atr