मुक्तक Mithilesh Rai 7 years ago सूरज को रोशनी का गुमान किसलिए है? शाम तन्हाई की पहचान किसलिए है? टूटते नजारे हैं फिजा में हरतरफ, रात आहटों की मेहमान किसलिए है? मुक्तककार- #महादेव’