गुमशुम,मदहोश,खामोश कहाँ रहते हो
वो क्या कहते है,हाँ मोहब्बत में रहते हो
वो सुर्ख होंठ,क़ातिल नज़र बला की अदा
एक दीद में क़त्ल का सामान रखते हो
“विपुल कुमार मिश्र”
#VIP~
गुमशुम,मदहोश,खामोश कहाँ रहते हो
वो क्या कहते है,हाँ मोहब्बत में रहते हो
वो सुर्ख होंठ,क़ातिल नज़र बला की अदा
एक दीद में क़त्ल का सामान रखते हो
“विपुल कुमार मिश्र”
#VIP~