मुक्तक Mithilesh Rai 7 years ago टूटते ख्वाबों के फसाने हैं बहुत! जिन्दगी में गम के बहाने हैं बहुत! बस तू ही खफा नहीं है अंजाम से, शमा-ए-चाहत के परवाने हैं बहुत! मुक्तककार – #मिथिलेश_राय