मुक्तक 30 Abhishek Tripathi 9 years ago तेरे जाने से सब ये सोचते है मैं अकेला हूँ , उन्हें शायद खबर न हो कि तेरी याद बाक़ी है . मैं तनहा कैसे समझूँ मीर इन ख़ाली मकानों को , तेरे और मेरे प्रेम का वो सहज संवाद बाक़ी है. . …atr