Site icon Saavan

मुक्तक

मैं इत्तेफाक से गुनाह कर बैठा हूँ!
तेरे रुखसार पर निगाह कर बैठा हूँ!
शामों-सहर रहता हूँ बेचैन इसकदर,
तेरे लिए जिन्दगी तबाह कर बैठा हूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Exit mobile version