मुक्तक Mithilesh Rai 7 years ago तुमसे मुलाकात कभी जो हो जाती है! जैसे दिल में अंगड़ाई रो जाती है! मयकदों में ढूंढता हूँ यादों के निशां, मेरी नींद पैमानों में खो जाती है! रचनाकार-#मिथिलेश_राय (#मात्रा_भार_23)