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मुक्तक

आज भी मुझको तेरा हसरत-ए-दीदार है!
आज भी मेरी नजर को तेरा इंतजार है!
जोड़ता रहता हूँ तेरी चाहतों की कड़ियाँ,
आज भी मुझको तमन्ना तेरी बार बार है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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