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मुक्तक

किसतरह तेरी यादों की रात जाएगी?
किसतरह तेरे गम की सौगात जाएगी?
जागे हुए हैं ख्वाब भी आँखों में कबसे,
कब तेरी चाहत से मुलाकात जाएगी?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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