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मुक्तक

जब तेरे ख्याल से मुलाकात हो जाती है!

तूझे याद करते करते रात हो जाती है!

रूकता नहीं है सिलसिला इरादों का मेरे,

जब ख्वाबों से रूबरू बात़ हो जाती है!

 

Composed By #महादेव

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