मुक्तक Mithilesh Rai 8 years ago मुझे तुम किसलिए जगाते हो यूँ रातों में? नींद आती नहीं ख्वाहिश-ए-मुलाकातों में! लिपट गयी हैं हसरतें यादों से इसतरह, जिन्दगी मदहोश है तेरे ख्यालातों में! Composed By #महादेव