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मुक्तक

आज हवा भी जरा सी नम हो गयी है!
गमे–जुदाई भी बेरहम हो गयी है!
धड़कनों में उठ रही है दर्द की लहर,
आँखों में नींद भी कुछ कम हो गयी है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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