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मुक्तक

तेरी नजर में कबसे प्यार सा कुछ है!
तेरी अदाओं में इजहार सा कुछ है!
हर वक्त ढूंढती हैं किसी को करवटें,
तेरी बाँहों को इंतजार सा कुछ है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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