तेरे लिए खुद़ को हम खोते चले गये!
जिन्दगी को अश्क से भिगोते चले गये!
धड़कनों में घुल गयी हैं यादें इसतरह,
मयकशी में दर्द़ को डूबोते चले गये!
Composed By मिथिलेश राय ( महादेव )
तेरे लिए खुद़ को हम खोते चले गये!
जिन्दगी को अश्क से भिगोते चले गये!
धड़कनों में घुल गयी हैं यादें इसतरह,
मयकशी में दर्द़ को डूबोते चले गये!
Composed By मिथिलेश राय ( महादेव )