मुक्तक Mithilesh Rai 6 years ago मेरी शामें-तन्हाई न खाली जाएगी! मेरी जुबां पे फिर से आह डाली जाएगी! सोहबत बुरी है मेरी दिलजलों से साकी, मयखानों से गम की राह निकाली जाएगी! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय