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मुक्तक

मौत हासिल होती है इंसान के मरने पर!
मिलता है अंधेरा उजालों के गुजरने पर!
क्यों खौफ-ए-नाकामी है हर वक्त जेहन में?
जब दर्द ही रहबर है खुशियों के मुकरने पर!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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