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मुक्तक

बेवफाओं की कोई सूरत क्या होती है?
नाखुदाओं की कोई मूरत क्या होती है?
जब कौम की जागीरों में बँटा है आदमी,
इंसानियत की कोई जरुरत क्या होती है?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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