मुक्तक Mithilesh Rai 6 years ago फसाना जिंदगी का अजीब जैसा है! हर ख्वाब आदमी का रकीब जैसा है! बदली हुई निगाहों का खौफ है दिल में, मंजिलों का मिलना तरकीब जैसा है! मुक्तककार -#मिथिलेश_राय