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मुक्तक

तेरा ख़्याल ख़ुद को समझाने का रास्ता है।
तेरी याद दिल को बहलाने का रास्ता है।
जब जाग जाती है लबों पर तेरी तिश्नगी-
हर शाम मयखानों में जाने का रास्ता है।

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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