मात्र श्रृंगार की ना रहे पराकाष्ठा
इसमें अंगार भी चरम होना चाहिए।
मात्र प्रेम और आसक्ति ना बने कविता
पंक्तियों में वंदे मातरम होना चाहिए।
मात्र श्रृंगार की ना रहे पराकाष्ठा
इसमें अंगार भी चरम होना चाहिए।
मात्र प्रेम और आसक्ति ना बने कविता
पंक्तियों में वंदे मातरम होना चाहिए।