Site icon Saavan

मुक्तक

मात्र श्रृंगार की ना रहे पराकाष्ठा
इसमें अंगार भी चरम होना चाहिए।
मात्र प्रेम और आसक्ति ना बने कविता
पंक्तियों में वंदे मातरम होना चाहिए।

Exit mobile version