Site icon Saavan

मुक्तक

तेरी मासुमियत का मैं हूं दिवाना
तेरे प्यार में फिरता हूं आवारा
ना समझ मुझे जाहिल निकम्मा सनम
तेरे ही प्यार से मुझे गीले हैं सितम

‌‌‌‌ महेश गुप्ता जौनपुरी

Exit mobile version