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मुक्तक

मैं कतरा कतरा बिखर जाऊं मुझे गम नहीं
मैं देश के लिए कुर्बान हो जाऊं मुझे गम नहीं
मेरी ख्वाहिश है बस इतनी मेरा साथ देना दोस्तो
मैं मर कर भी देश के लिए काम आऊ यही तमन्ना है

महेश गुप्ता जौनपुरी

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