मुक्तक महेश गुप्ता जौनपुरी 5 years ago अनजाने से संसार में खुशीयों को लो बटोर अपने पराये में ब्यर्थ ना करो रिस्ते का डोर समय बहुत मुल्यवान है करते रहो तुम प्रेम सहज ही उत्पत्ति होगी भाई बंधू का प्रेम महेश गुप्ता जौनपुरी