मुक्तक Mithilesh Rai 5 years ago हम ज़िन्दग़ी में ग़म को कब तक सहेंगे? हम राह में काँटों पर कब तक चलेंगे? क़दम तमन्नाओं के रुकते नहीं मग़र- हम मुश्क़िले-सफ़र में कब तक रहेंगे? मुक्तककार- #मिथिलेश_राय