मुक्तक Manoj 8 years ago सरिता पावन हो गई स्निग्ध खुश्बू सी वन में छाई है तु कौन रमणिका जल क्रिडा को चली कहां से आई है! सारा उपवन नतमस्तक हो सादर अभिनंदन करता है तन मन की तपन बढ गई तुने पानी में आग लगाई है!! उपाध्याय…