मुक्तक Manoj 8 years ago जमीं वही है मगर लोग है पराये से जो मिल रहे है लग रहे है आजमाये से! शफक नही नकॉब में फरेब है मतिहीन सभी दिखते मुझे हमाम में नहाये से!! उपाध्याय…