Site icon Saavan

मुझको तेरी जुदाई बेइंतहाँ सताती है

मुझको तेरी जुदाई बेइंतहाँ सताती है!
शामों-सहर मुझको तेरी याद रूलाती है!
बिखर रही है जिन्दगी दर्द के पायदानों पर,
अश्कों में तैरती मुझे मंजिल नजर आती है!

Composed By #महादेव

Exit mobile version