Site icon Saavan

मुझसे भी कोई प्यार करे….

नहीं नहीं अब सही ना जाये ये बेरण तन्हाई

मुझसे भी कोई प्यार करे करे थोड़ी दिल की लगाई

 

जहर हो चूका जीवन सारा , रीता कलश है पूरा

भर के कोई प्यार का अमृत अमर करे मन मेरा

दिन रात गुजर तो जाते है पर जाते नहीं गुजारे

हर रात अमावस जैसी लगे प्यार बिना सब अधूरा

पल में रूठे पल में माने , करे झूठी मूठी लड़ाई

मुझसे भी कोई प्यार करे……….

 

अपने सपनों की गलियों में कोई मेरा घर भी बना ले

हलचल भरे झील से मन में अपनी नाव खिवा ले

हवा बन के कर ले हवाले , झोंके में मुझको बहा ले

आइना बन के जी रहा हूँ कोई बिखरने से तो बचा ले

नहीं नहीं अब सही ना जाये , मुझसे और जग हंसाई

मुझसे भी कोई प्यार ………

 

खिड़की से देकर सदा कोई , मेरा भी नाम बुलाये

पलट पलट कर देखे मुझको फिर सखियों संग इतराये

मेहँदी में भी चुपके से वो मेरा ही नाम लिखाये

गिरफ्त में ले ले इस दिल को, चाहे दफा कोई लगाये

छुप छुप कर उपवास करे, करे नैनों की छुपन छुपाई

मुझसे भी कोई प्यार करे…………..

 

धरती को ओढ़े अम्बर  चंदा को घेरे तारे

लौ पर मरता परवाना ,सागर के संग किनारे

सबका कोई साथी है कोई न कोई सहारे

बस मैं किरदार उस कहानी का जिसके सब पात्र अधूरे

कबूतर मेरे इश्क़ का भी अब ले उसकी छत पर अंगड़ाई

मुझसे भी कोई प्यार करे………..

 

मैं भी देखूँ उसको ज्यों पानी में चाँद घुला है

डगमग डगों से आये जैसे थाली में मूंग रला है

रातरानी उगा दे उसमे जो नागफनी गमला है

मैं भी सावन में झूमूं अब ,जो मौसम अब तक खला है

देखूँ जब तितली भंवरो को , पीर मेरी कुमुलाई

मुझसे भी कोई प्यार करे……

Exit mobile version